तमीज
3:57 PM, Posted by डा. निर्मल साहू, No Comment
तमीज
बदली गई है आज
गमले की मिट्टी
जड़ों को कांट-छांट।
पौधा हरिया रहा अब भी
बौनापन लिए
खुश हैं कि मिट्टी
कितना कर देती है।
फूल खिलेगा
पर बौनापन
वहीं रहेगा
हर बार काट दिया
जाएगा बढ़ना
कि जिंदा रहना है
तो तमीज सीखो।