निरोध, कंडोम, फ्लेवर और खूबसूरती

3:57 PM, Posted by डा. निर्मल साहू, No Comment


यौन संबंध के प्रति धीरे-धीरे जागरूकता बढऩे लगी है। माला डी हो या अनवांडेट पिल या फिर अन्य कोई गर्भनिरोधक साधन। पहले गर्भनिरोधक साधनों में निरोध नाम एक रूढ़ सा हो गया था यह शब्द अब कंडोम से गुजरात हुआ फ्लेवर के नाम से जाना जाने लगा है। एक सहकर्मी के मुंह से फ्लेवर सुनकर जिज्ञासा बढ़ी तो मैंने पूछा। इनका जवाब था 7 फ्लेवर में मिलता है कंडोम अमुक कंपनी का। जैसे माणिकचंद गुटखा की तर्ज पर अब पान फ्लेवर देना कह देने मात्र से दुकानदार समझ जाता है। आप निरोध या कंडोम कहकर दुकानदार से मांग कर देखें आसपास वाले एक बार घुरकर जरूर देखेंगे, मानों आप कोई अपराध करने जा रहे हों। भई इसके लिए इस रास्ते से बेहतर क्या हो सकता है। हां जरूरतें अपना रास्ता खुद निकाल लेती हैं। कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ के कई जगहों पर धान के खेतों में कटुआ कीड़े का प्रकोप फैला तो किसानों ने निरमा वाशिंग पाउडर (कपड़े धोने का पाउडर) को कीटनाशक की तरह इस्तमाल किया। उनका यह ईजाद सस्ता और कारगर था। सभी ने हाथों हाथ लिया ,किसी ने भी यह जानने की कोई कोशिश नहीं की कि क्या इससे कोई नुकसान हो सकता है। अलबत्ता पौधों का मामला था तिस पर कहीं से कुछ साइड इफेक्ट की खबर भी नहीं आई और न जाने कितने किलो पाउडर खेतों में धुल गया। इसी तरह एक खास किस्म के कीड़ों के लिए जला हुआ तेल खासकर डीजल पंप से निकला तेल उपयोग किया जाता रहा है। पंजाब में पौधों की बाढ़ के लिए देशी शराब का उपयोग करने की खबर सामने आई थी। खैर... बात हो रही है किसी चीज के वैकिल्पक कारगर उपयोग की। अभी अखबारों में खबर मिला कि कंडोम का व्यूटी पार्लरों में इस्तेमाल होने लगा है। महिलाएं एक सौंदर्य प्रसाधन की तरह इस्तेमाल करने लगी हैं। गर्म निरोधक के तौर पर इस्तेमाल होने वाले कंडोम का भला खूबसूरती के क्या रिश्ता है? यह सवाल सुन कर कोई भी अचरज में पड़ सकता है। भूटान की महिलाएं अपने चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने और आंखों के नीचे के स्याह घेरे को मिटाने के लिए इन दिनों धड़ल्ले से कंडोम का इस्तेमाल कर रही हैं। यही नहीं, कपड़े बुनने के लिए धागों को नरम बनाने के लिए भी कंडोम का ही इस्तेमाल हो रहा है। दवाइयों के दुकानदार कहते हैं कि महिलाएं उनके पास कंडोम खरीदने आ रही हैं। वे कहती हैं कि इससे न केवल आँखों के नीचे के काले घेरे मिटते हैं, बल्कि गर्भवती महिलाओं के चेहरे के दाग भी हट जाते हैं।महिलाओं का कहना है कि कंडोम रूखी त्वचा को निखारने और झाइयों को दूर करने में काम आता है। महिला खरीददारों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसकी वजह उनका यह भरोसा है कि कंडोम कास्मेटिक के तौर पर भी फायदेमंद है।हालाकि डाक्टर इस विचार से सहमत नहीं हैं। उनके मुताबिक कंडोम से त्वचा के कोमल होने के दावों में कोई दम नहीं है। उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो त्वचा में निखार लाए। कंडोम में उपयोग होने वाले लुब्रिकेंट सामान्य होते हैं। अगर उनका कास्मेटिक के तौर पर लाभ है तो उसे उसी तरह से बेचा जाना चाहिए। एकचकित्सक का कहना है कि शोध से पता चला है कि कंडोम लुब्रिकेंट में बेंजीन होता है, जो बहुत ज्यादा मात्रा में उपयोग करने पर हानिकारक साबित हो सकता है। महिलाओं के अलावा भूटान के बुनकर भी कंडोम का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह धागों की सख्ती दूर करने में सहायक है। वह कंडोम को ठंड के दौरान उपयोग करता है। उस समय धागे बहुत सख्त हो जाते हैं और उनसे काम करना मुश्किल होता है।सरकारी बुनाई केंद्र की एक कर्मचारी कहती है कि मैं बाहर जाकर उसे खरीद नहीं सकती। मैं दवा विक्रेता को कैसे बताउँगी कि मुझे उसका क्या उपयोग करना है,कोई मेरा विश्वास नहीं करेगा। कंडोम के लुब्रिकेंट को लूम पर लगाया जाता है ताकि धागे उस पर आसानी से चल सकें।

No Comment